MP Guest Teacher News – इस बार मध्य प्रदेश की बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट खराब आया है। स्कूल के प्राचार्यों का कहना है कि खराब रिजल्ट अतिथि शिक्षकों की वजह से आया है। अब 15000 अतिथि शिक्षकों की नौकरी खतरे में है।
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इस बार मध्य प्रदेश की बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट खराब आया है। स्कूल के प्राचार्यों का कहना है कि खराब रिजल्ट अतिथि शिक्षकों की वजह से आया है। अब 15000 अतिथि शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। मध्यप्रदेश सरकार ने उन सरकारी स्कूलों में, जहां 30 प्रतिशत से कम रिजल्ट आया है, वहां के अतिथि शिक्षकों को नौकरी से निकालने का आदेश जारी किया है।
लोक शिक्षण संचालनालय का आदेश
जानकारी के अनुसार, भोपाल में लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने 21 मई को एक बैठक की थी। उन्होंने कहा था कि जिन अतिथि शिक्षकों का परीक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से कम है, उन्हें बाहर किया जाए। उनकी नियुक्ति नहीं होगी। इसके बाद सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों ने स्कूलों के प्राचार्यों को इस संबंध में आदेश जारी किया।
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इन अतिथि शिक्षकों की जाएगी नौकरी
आदेश में कहा गया है कि जिन अतिथि शिक्षकों के पढ़ाए गए विषय/कक्षा का परीक्षा परिणाम 30% से कम रहा है, उन्हें किसी भी स्कूल में अतिथि शिक्षक के रूप में नहीं बुलाया जाए। अगर पैनल के अनुसार अतिथि शिक्षक को बुलाना होता है, तो भी उनके पहले के स्कूलों के परीक्षा परिणाम को देखा जाए। अगर परीक्षा परिणाम 30% से कम रहा है, तो उन्हें भी अतिथि शिक्षक के रूप में नहीं बुलाया जाए।
अतिथि शिक्षकों की वजह से बिगड़ा रिजल्ट
MP Guest Teacher News – हाल ही में मध्यप्रदेश बोर्ड ने कक्षा 10वीं और 12वीं का परिणाम जारी किया था। लेकिन इस बार परिणाम संतोषजनक नहीं रहा। एमपी बोर्ड का परिणाम 70 प्रतिशत का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाया। इस पर सरकार ने सवाल उठाया। जब शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल प्रबंधन से खराब परिणाम का कारण पूछा, तो स्कूल के प्राचार्यों ने इसकी जिम्मेदारी अतिथि शिक्षकों पर डाल दी। प्राचार्यों ने कहा कि अतिथि शिक्षकों ने बच्चों को ठीक से नहीं पढ़ाया।
15 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक होंगे बाहर
MP Guest Teacher News – अब मध्यप्रदेश सरकार अतिथि शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए तैयार है। अतिथि शिक्षकों को नौकरी से निकालने के आदेश पर शिक्षकों ने नाराजगी जताई है। बता दें कि प्रदेश भर में ऐसे करीब 15 हजार से अधिक शिक्षक हैं। इस आदेश से 15 हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों की नौकरी खतरे में है।
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